The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥
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नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
Salutations to the Goddess who's got the form of root chants Who because of the chant “Aim” has the shape from the creator Who because of the chant “Hreem” has the form of 1 sidh kunjika who takes treatment of everything And who with the chant “Kleem” has the shape of passion
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.